ब्लॉग विवरण

Blog

फलों के बाग लगाना चाहते हैं तो इसका ध्यान जरुर रखें

हमारे देश में पिछले कुछ सालों में फलों के बाग लगाने का चलन बढ़ा है। सरकार भी इसके लिए किसानों को लगातार प्रोत्साहित कर रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि फलों के बाग लगाने से किसान बेहद कम समय में ज्यादा मुनाफा हासिल कर सकते हैं। कई दूसरी राज्य सरकारें भी फलों के बाग लगाने के लिए सब्सिडी प्रदान करती हैं।

बाग लगाने के दौरान किसान इस बात का जरूर ध्यान रखें कि पेड़ों को फैलने के लिए पर्याप्त जगह उपलब्ध हो। ध्यान रखें कि फलों के बगीचों के लिए गहरी दोमट या बलुई दोमट मिट्टी ज्यादा अच्छी रहती है। जमीन में अधिक गहराई तक कोई भी सख्त परत नहीं होनी चाहिए। इसके अलावा मिट्टी में भरपूर मात्रा में खाद होनी चाहिए।

इन फलों के बाग की कर सकते हैं खेती

गर्म जलवायु में खासतौर से अनार, आम, पपीता, करौंदा, आंवला, नीबू, मौसमी, माल्टा, संतरा, अनार, बेल, बेर व लसोड़ा आदि फलों की खेती आसानी से की जा सकती है। जिन भागों में पाले का ज्यादा असर रहता है, उन इलाकों में आम, पपीता व अंगूर के बाग नहीं लगाने चाहिए। अधिक गरमी व लू वाले इलाकों में लसोड़ा व बेर के पेड़ लगाने चाहिए। अधिक नमी वाले इलाकों में मौसमी, संतरा व किन्नू के पेड़ लगाने चाहिए।

गर्म व ठंडी हवाओं और अन्य कुदरती दुश्मनों से रक्षा करने के लिए खेत के चारों ओर देशी आम, जामुन, बेल, शहतूत, खिरनी, देशी आंवला, कैथा, शरीफा, करौंदा, इमली आदि फलों के पेड़ लगाने चाहिए। इनसे कुछ आमदनी भी होगी व खेत गरम व सर्द हवाओं से भी बचा रहेगा।

बाग लगाने के लिए इन बातों का रखें ध्यान

बगीचा लगाने से पहले सिंचाई कैसे होगी, इस पर ध्यान देना जरूरी है। पानी की कमी वाले इलाकों में बूंद-बूंद सिंचाई विधि का इस्तेमाल करना चाहिए, जिससे पानी व मेहनत दोनों की बचत होगी और पौधों को जरूरत के हिसाब से पानी मिलने के कारण पैदावार में बढ़ोतरी होगी। पौधों की रोपाई जुलाई-अगस्त में शाम के समय करनी चाहिए। पौधा लगाने के बाद सिंचाई करें व जरूरत के हिसाब से पानी देते रहें। पैबंद के नीचे से निकलने वाली शाखाओं व रोग लगी शाखाओं को हटाते रहें। इसके अलावा जल निकासी का भी सही इंतजाम किया जाना चाहिए। जल जमाव की वजह से पेड़ों की जड़ों में पानी लगने से फलों की मिठास में कमी आ जाती है।